त्रिनिदाद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिया महाकुंभ और सरयू का पवित्र जल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो की यात्रा के दौरान वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद बिसेसर को महाकुंभ और सरयू का पवित्र जल भेंट किया। इसके अलावा उन्होंने उन्हें श्रीराम मंदिर की प्रतिमा भी सौंपीं।
Written by Himanshi Prakash, National Khabar
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी त्रिनिदाद और टोबैगो यात्रा के दौरान वहां की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर को महाकुंभ के संगम और सरयू नदी का पवित्र जल भेंट किया। साथ ही उन्होंने श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति भी सौंप दी। भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, “…आप सभी जानते हैं कि इस साल की शुरुआत में दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक आयोजन महाकुंभ हुआ था। मुझे सौभाग्य मिला कि महाकुंभ का पवित्र जल अपने साथ ला सका। मैं कमला जी से अनुरोध करता हूं कि वे इस सरयू और महाकुंभ के जल को यहां की गंगा धारा में अर्पित करें।”
प्रधानमंत्री कमला ने गंगाधारा में चढ़ाया महाकुंभ का पवित्र जल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अनुरोध पर त्रिनिदाद और टोबैगो की प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर ने गंगाधारा में महाकुंभ का पवित्र जल अर्पित किया। इसके बाद पीएम मोदी ने उन्हें अयोध्या में 500 वर्षों बाद निर्मित श्रीराम मंदिर की प्रतिकृति भेंट की।
प्रधानमंत्री कमला को कहा बिहार की बेटी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “प्रधानमंत्री कमला जी के पूर्वज बिहार के बक्सर से हैं। कमला जी खुद वहां जाकर आ चुकी हैं। लोग उन्हें बिहार की बेटी मानते हैं। यहां मौजूद कई लोगों के पूर्वज भी बिहार से ही आए हैं। बिहार की विरासत न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया का गौरव है। लोकतंत्र, राजनीति, कूटनीति और उच्च शिक्षा जैसे अनेक क्षेत्रों में बिहार ने सदियों पहले दुनिया को नई दिशा दी। मुझे भरोसा है कि 21वीं सदी की दुनिया के लिए भी बिहार की धरती से नई प्रेरणाएं और नए अवसर सामने आएंगे।”
सोहारी के पत्ते पर किया डिनर
प्रधानमंत्री मोदी ने त्रिनिदाद और टोबैगो में रात्रिभोज के दौरान भोजन सोहारी के पत्ते पर किया। उन्होंने इसका ज़िक्र अपने एक्स हैंडल पर भी किया और लिखा, “प्रधानमंत्री कमला प्रसाद-बिसेसर द्वारा आयोजित डिनर में भोजन सोहारी के पत्ते पर परोसा गया, जो यहां के लोगों, खासकर भारतीय मूल के समुदाय के लिए गहरी सांस्कृतिक अहमियत रखता है। यहां त्योहारों और खास अवसरों पर अक्सर भोजन इसी पत्ते पर परोसा जाता है।”