राष्ट्रीय

राज-उद्धव की रैली के बाद महाराष्ट्र में हिंदी थोपने के खिलाफ नया मोर्चा

महाराष्ट्र में राज और उद्धव ठाकरे की संयुक्त विजय रैली के बाद हिंदी के विरोध में एक नया मोर्चा खुल गया है। उन्होंने साफ कर दिया कि उनका विरोध केवल प्राथमिक शिक्षा में हिंदी थोपे जाने के खिलाफ है, न कि हिंदी भाषा के खिलाफ। राउत ने कहा कि इस रैली से कई दक्षिण भारतीय नेताओं ने भी प्रेरणा ली है और हमें बधाई दे रहे हैं।

Written by Himanshi Prakash, National Khabar

महाराष्ट्र में शनिवार को राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे ने एक साथ मंच साझा कर विजय रैली को संबोधित किया। इसके बाद कई तरह के सवाल उठने लगे। बीजेपी के बयान पर राज्यसभा सांसद संजय राउत ने पलटवार करते हुए कहा कि दोनों भाइयों के एकजुट होने से महायुति के नेता घबराए हुए हैं, इसलिए वे बेहुदी बयानबाजी कर रहे हैं।

संजय राउत ने कहा कि शनिवार की विजय रैली के बाद महायुति के नेता असमंजस में पड़ गए हैं और अब उन्हें रोना ही पड़ेगा। महाराष्ट्र में जहां चाहे अपना सार्वजनिक रोना कार्यक्रम शुरू कर दें, हम आपके लिए मंच भी तैयार कर देंगे। साथ ही उन्होंने मराठी और हिंदी के बीच खड़ी की जा रही लड़ाई पर भी अपनी बात रखी।

संजय राउत ने कहा कि विजय रैली के बाद पूरे देश में हिंदी की अनिवार्यता के खिलाफ माहौल बन गया है। कई राज्यों के नेताओं ने उद्धव ठाकरे से संपर्क कर उन्हें बधाई दी है। उन्होंने कहा कि राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे की रैली के बाद कई नेताओं ने माना कि अब उन्हें केंद्र के हिंदी थोपने के फैसले के खिलाफ आवाज उठाने की हिम्मत मिली है। दूसरी ओर, मुंबई में महाराष्ट्र की एकजुटता भी साफ नजर आई।

हिंदी थोपने की सख्ती मंजूर नहीं — संजय राउत
सांसद संजय राउत ने कहा, “दक्षिण के राज्य इस मुद्दे पर लंबे समय से संघर्ष कर रहे हैं। उनका रुख है कि वे न तो हिंदी बोलेंगे और न ही दूसरों को बोलने देंगे। लेकिन महाराष्ट्र का नजरिया अलग है। हम हिंदी बोलते हैं, मगर हमारी आपत्ति यह है कि प्राथमिक स्कूलों में हिंदी थोपने की कोई सख्ती हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। हमारी लड़ाई सिर्फ इसी तक सीमित है।”

संजय राउत ने कहा कि एमके स्टालिन ने इस जीत पर हमें बधाई दी और कहा कि वह इससे प्रेरणा लेंगे। हमने भी उन्हें शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि महाराष्ट्र में कभी किसी को हिंदी बोलने से नहीं रोका गया, क्योंकि यहां हिंदी फिल्में, थिएटर और संगीत खूब पसंद किए जाते हैं। हमारी लड़ाई सिर्फ प्राथमिक शिक्षा में हिंदी थोपने के खिलाफ है।

राउत बोले — फडणवीस घबरा गए, अब रोने का कार्यक्रम शुरू करें
संजय राउत ने डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस पर निशाना साधते हुए कहा, “पब्लिक सब जानती है। कल लाखों लोग मैदान में जुटे, यह साफ इशारा है कि जनता हमारे साथ है। अब फडणवीस साहब घबरा गए हैं। आप दो ठाकरे भाइयों से डर गए हैं, इसलिए अब आपने सार्वजनिक तौर पर रोना शुरू कर दिया है।”
उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि अब आप एक कार्यक्रम की तरह रोने का सिलसिला शुरू कर दीजिए। “फडणवीस गाएंगे, शिंदे तबला बजाएंगे और बाकी डिप्टी सीएम तुंतुना बजाएंगे। हम इसे ‘रोते रहो’ नाम से जगह-जगह आयोजित करेंगे।”

एकनाथ शिंदे पर राउत का तंज — बदली संस्कृति और नकली दाढ़ी
संजय राउत ने एकनाथ शिंदे पर तीखा हमला करते हुए कहा कि अब शिंदे साहब ‘जय महाराष्ट्र’ की जगह ‘जय गुजरात’ कहने लगे हैं। आज सुबह उन्होंने अपने घर में ढोकला और फाफड़ा नाश्ते में खाया, अब उन्हें बटाटा वडा और पोहे पसंद नहीं हैं। उनकी पूरी संस्कृति ही बदल चुकी है।
दाढ़ी पर भी तंज कसते हुए राउत ने कहा, “उनकी दाढ़ी नकली है। वो दाढ़ी छत्रपति शिवाजी महाराज की नहीं, बल्कि गद्दार अफजलखान और शाहिस्तेखान की तरह है। ये दाढ़ी कब अमित शाह के इशारे पर साफ हो जाए, कहा नहीं जा सकता।”

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