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दिल्ली के स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में भव्य ‘विश्वशांति महायज्ञ’

Written By: – News Desk Report, National Khabar

● दिल्ली के स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में भव्य ‘विश्वशांति महायज्ञ’

● विजयदशमी के पावन पर्व पर वैश्विक शांति और सद्भाव के लिए निर्मित किए गए 108 यज्ञ कुंड

● दशहरा के पावन पर्व पर दिल्ली अक्षरधाम में ‘विश्वशांति महायज्ञ’ – 108 यज्ञ कुंडों में हजारों लोगों ने अर्पित की एक साथ विश्व शांति के लिए आहुति

नई दिल्ली, 2 अक्टूबर, 2025

नई दिल्ली स्थित स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर में दशहरा का पावन पर्व ‘विश्वशांति महायज्ञ’ के साथ भव्यता से मनाया गया, जिसमें वैश्विक शांति और आपसी सद्भाव को बढ़ावा देने के लिए वैदिक परंपरा के अनुसार यज्ञ अनुष्ठान संपन्न हुआ। इस आयोजन में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने अत्यंत उत्साह और भक्ति के साथ भाग लिया। 

इस महायज्ञ का शुभारंभ सूर्योदय के समय सुबह 6 बजे हुआ, और यह 9 बजे तक जारी रहा। संतों ने पवित्र वैदिक मंत्रों के पाठ के साथ, आध्यात्मिक ऊर्जा का आह्वान किया। इस समारोह में 108 यज्ञ कुंडों (यज्ञ की वेदी) को शामिल किया गया था।

इस अवसर पर दिल्ली अक्षरधाम मंदिर के मुख्य प्रभारी संत पूज्य मुनिवत्सलदास स्वामी ने सभी को सम्बोधित करते हुए बताया, “परम पूज्य महंतस्वामी महाराज की दिव्य प्रेरणा और मार्गदर्शन में यह यज्ञ विश्व में शांति और सद्भावना के लिए आयोजित किया गया। इस यज्ञ में विशेष प्रार्थनाएँ की गईं कि प्रत्येक परिवार एकजुट रहे, मजबूत बने और आध्यात्मिक मूल्यों में रचा-बसा रहे। आइए, हम इस पवित्र यज्ञ से प्रेरणा लेकर अपने जीवन में पारिवारिक एकता और आध्यात्मिकता को हृदय से आत्मसात करें।”

इस यज्ञ में युवा लोग भी बड़ी संख्या में उपस्थित थे। दर्शनार्थी ट्विंकल ने बताया कि “विश्वशांति महायज्ञ के इस शुभ अवसर पर श्रद्धालु भक्ति और तप के आनंद में सराबोर रहे। उन्होंने न केवल अपने लिए, बल्कि वैश्विक शांति, सद्भाव और प्रेम के लिए भी प्रार्थना की, साथ ही विजयदशमी पर्व के सच्चे अर्थ पर आत्म-चिंतन का संदेश भी आत्मसात किया।”   इस यज्ञ का मर्म गीता के अनुसार “परस्पर पोषण के साथ परम कल्याण को प्राप्त करना था।

भक्तों ने अपने जीवन में नकारात्मकता, अहंकार या घृणा को दूर करने का आज प्रण लिया। अक्षरधाम का पूरा वातावरण एक प्रबल आध्यात्मिक ऊर्जा से ओतप्रोत था, जिसने सभी को आनंद और संतोष की भावना से भर दिया।

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