धर्म

भक्ति हो तो ऐसी: बारिश में भी बासुकीनाथ धाम में कांवरियों का सैलाब

सावन के पवित्र महीने में दुमका स्थित बासुकीनाथ धाम में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। मूसलाधार बारिश भी भक्तों की आस्था को डिगा नहीं सकी — कांवरिये पूरे उत्साह के साथ भगवान शिव को जल अर्पण कर रहे हैं। भक्तों की सुरक्षा और सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने व्यापक इंतजाम किए हैं।

धर्म डेस्क | नेशनल खबर

झारखंड के दुमका स्थित बासुकीनाथ धाम में सावन का पवित्र महीना आस्था और भक्ति का अद्भुत उदाहरण बन गया है। मंगलवार सुबह से ही बाबा बासुकीनाथ के दरबार में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ पड़ी। मूसलाधार बारिश के बावजूद मंदिर परिसर ‘बोल बम’ और ‘हर हर महादेव’ के जयकारों से गूंजता रहा। कांवरिये बारिश में भीगते हुए भी पूरे उत्साह और श्रद्धा के साथ भगवान शिव को जल अर्पण करने पहुंचे। सावन के सोमवार को तो यहां भीड़ और बढ़ गई थी, जिससे मंदिर और आसपास का इलाका पूरी तरह भक्तिमय हो गया था।

बारिश भी नहीं रोक पाई आस्था की राह
मौसम विभाग ने दुमका समेत कई जिलों में भारी बारिश का अलर्ट जारी किया था। कीचड़ और फिसलन भरे रास्तों के बावजूद श्रद्धालुओं का उत्साह जरा भी कम नहीं हुआ। सुल्तानगंज से गंगाजल लेकर पैदल यात्रा पर निकले कांवरिये बारिश की परवाह किए बिना बासुकीनाथ धाम तक पहुंचे। एक कांवरिया रामकुमार सिंह ने कहा, “बारिश भी शिवजी की कृपा है। हमारे लिए यह यात्रा तपस्या जैसी है। बिहार, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल से सैकड़ों किलोमीटर चलकर यहां आना सौभाग्य की बात है।”

चारों ओर भक्ति का माहौल
मंदिर के मुख्य द्वार से दूर तक कांवरियों की लंबी कतारें लगी रहीं। सोमवार को श्रद्धालुओं की संख्या और अधिक हो गई थी। मंदिर परिसर और आसपास का पूरा क्षेत्र भक्ति के रंग में रंगा दिखाई दिया। गेरुआ वस्त्रों में कांवरिए, कंधों पर कांवर उठाए, ‘बोल बम’ के नारों के बीच जल अर्पण के लिए आगे बढ़ते रहे। बारिश ने इस माहौल को और भी सुंदर और अलौकिक बना दिया।

प्रशासन ने संभाली कमान
कांवरियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए जिला प्रशासन और मंदिर प्रबंधन ने पुख्ता इंतजाम किए हैं। जल अर्पण के लिए व्यवस्थित कतारें बनाई गईं, जगह-जगह पुलिसकर्मी और स्वयंसेवक तैनात किए गए ताकि भीड़ को नियंत्रित किया जा सके। बारिश के चलते जलभराव से निपटने के लिए मेडिकल कैंप और आपदा प्रबंधन की टीमें भी सक्रिय रहीं। पूरे इलाके में सीसीटीवी कैमरों से निगरानी रखी जा रही है ताकि किसी अनहोनी से बचा जा सके।

शिवमय हुआ दुमका
मंदिर के चारों ओर का इलाका पूरी तरह भक्ति में डूबा हुआ नजर आया। सड़कों पर जगह-जगह भंडारे, चाय और विश्राम शिविर लगाए गए। स्थानीय दुकानदार और धर्मशालाएं कांवरियों की सेवा में जुटी रहीं। एक स्थानीय दुकानदार ने मुस्कुराते हुए कहा, “सावन में बासुकीनाथ धाम शिवभक्ति का केंद्र बन जाता है। भक्तों की सेवा करना हमारे लिए गर्व की बात है।”

इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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