रुद्राक्ष: शिव की प्रिय वस्तु से दूर करें जीवन की हर बाधा, जानें आसान विधि

रुद्राक्ष: अगर आप मानसिक तनाव और नकारात्मक विचारों से परेशान हैं, तो यह जानकारी आपके लिए फायदेमंद हो सकती है। भगवान शिव की एक खास प्रिय वस्तु है, जिसे केवल धारण करने से ही ऐसे मानसिक संकटों से राहत मिल सकती है। देवघर के प्रसिद्ध बैद्यनाथ धाम के तीर्थ पुरोहित प्रमोद श्रृंगारी ने इस उपाय को विस्तार से समझाया है।
धर्म डेस्क | National Khabar
कई बार ऐसा लगता है मानो जीवन में हर रास्ता बंद हो गया हो। मन निराशा से भर जाता है और नकारात्मक विचार बार-बार परेशान करने लगते हैं। ऐसे समय में आध्यात्मिक और ज्योतिषीय उपाय बेहद उपयोगी साबित हो सकते हैं। भगवान शिव की एक विशेष प्रिय वस्तु—रुद्राक्ष—ऐसी ही समस्याओं से राहत दिलाने में मदद करती है। मान्यता है कि रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक अशांति, भय और नकारात्मकता दूर हो जाती है। हालांकि, इसे धारण करने के भी कुछ नियम होते हैं।
क्या कहते हैं आचार्य:
कुछ वस्तुएं भगवान शिव को अत्यंत प्रिय हैं—जैसे भस्म, रुद्राक्ष और बेलपत्र। शिव पुराण के अनुसार, रुद्राक्ष की उत्पत्ति स्वयं भगवान शिव के आंसुओं से हुई है, इसलिए इसे अत्यंत पवित्र और शक्तिशाली माना जाता है।
यदि किसी व्यक्ति के मन में बार-बार नकारात्मक विचार आते हैं या वह मानसिक तनाव से जूझ रहा है, तो रुद्राक्ष की माला पहनना लाभकारी हो सकता है। रुद्राक्ष धारण करने से मन को शांति मिलती है, एकाग्रता बढ़ती है और आत्मविश्वास में भी सुधार होता है।
कितने मुखी रुद्राक्ष करें धारण:
रुद्राक्ष 1 से लेकर 21 मुखी तक पाए जाते हैं, लेकिन आमतौर पर 14 मुखी तक ही रुद्राक्ष का प्रयोग किया जाता है। हालांकि, इसे धारण करने के कुछ नियम होते हैं और हर व्यक्ति को मनमर्जी से कोई भी रुद्राक्ष नहीं पहनना चाहिए, क्योंकि इससे नकारात्मक असर भी हो सकता है।
अगर आप मानसिक तनाव या नकारात्मक विचारों से परेशान हैं, तो पंचमुखी रुद्राक्ष धारण करना सबसे उपयुक्त माना जाता है। वैसे तो रुद्राक्ष का चयन राशि और ज्योतिषीय गणना के आधार पर किया जाना चाहिए, ताकि उसका प्रभाव सकारात्मक और लाभकारी हो।
रुद्राक्ष धारण करने के नियम:
रुद्राक्ष धारण करने से पहले उसे शिवलिंग पर रखकर जल, दूध या गंगाजल से अभिषेक जरूर करें। इसके बाद उसकी प्राण प्रतिष्ठा करनी चाहिए। बिना विधिवत अभिषेक और प्राण प्रतिष्ठा के रुद्राक्ष धारण करने से उसका प्रभाव नहीं होता या बहुत कम हो जाता है।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।