रावण ने क्यों कैद किया शनिदेव को? जानें इस रहस्य की कहानी

रावण चाहता था कि उसका बेटा इंद्रजीत स्वर्ग का राजा बने, लेकिन जन्म के समय शनि की वक्री दशा से उसकी कुंडली बिगड़ गई। इसी गुस्से में रावण ने शनि देव को बंदी बना लिया।
धर्म डेस्क | National Khabar
रावण अत्यंत विद्वान, शक्तिशाली और तपस्वी तो था ही, लेकिन उतना ही अहंकारी भी था। अपने इसी घमंड के कारण अंततः उसका विनाश हुआ। रावण का सपना था कि उसका पुत्र जन्म से ही इतना तेजस्वी और बलशाली हो कि वह स्वर्ग का राजा बनकर इंद्र का सिंहासन छीन ले। इसी उद्देश्य से उसने अपने पुत्र का नाम इंद्रजीत रखा।
मंदोदरी से विवाह और पुत्र की योजना
रावण ने अपनी पत्नी के रूप में मंदोदरी का चुनाव इसलिए किया क्योंकि वह मयासुर की पुत्री होने के नाते अत्यंत बुद्धिमान और प्रभावशाली थी। रावण चाहता था कि उसके और मंदोदरी के पुत्र में दोनों की शक्तियों का मेल हो और वह अद्वितीय हो।
जन्म के समय सभी ग्रहों को बनाया बंदी
जब मंदोदरी गर्भवती हुई और प्रसव का समय आया, तो रावण ने देखा कि किसी भी ग्रह की स्थिति उसके अनुसार अनुकूल नहीं थी। वह चाहता था कि इंद्रजीत की कुंडली में सभी ग्रह शुभ और सही स्थिति में रहें ताकि उसका पुत्र जन्म से ही अजेय बने। इसीलिए उसने अपने बल से सभी नौ ग्रहों को बंदी बना लिया और उन्हें जबरन अनुकूल स्थिति में बैठने को कहा।
शनि देव ने किया विरोध
बाकी सभी ग्रह डरकर रावण की बात मान गए, लेकिन शनि देव ने अंत में अपनी स्थिति बदल दी और वक्री दृष्टि डाल दी। यह देखकर रावण क्रोधित हो गया और उसने शनि को पकड़कर अपने पैरों के नीचे दबा दिया। उसने शनि से कहा कि जब तक वह उसके पैरों के नीचे रहेगा, तब तक उसका प्रभाव उसके पुत्र पर नहीं पड़ेगा। लेकिन शनि देव पहले ही अपना असर डाल चुके थे, और यही भविष्य में रावण के विनाश का कारण बना।
शनि को क्यों किया कैद
रावण ने शनि को लंका में बंदी बनाकर रखा और उसके पैर पर प्रहार भी किया, जिससे शनि लंगड़ाने लगे। बाकी ग्रहों ने रावण की बात मान ली थी, इसलिए उन्हें उसने छोड़ दिया।
हनुमान ने कराया मुक्त
बाद में, जब हनुमान जी सीता माता की खोज में लंका पहुंचे, तो उन्होंने शनि देव को बंदी अवस्था में देखा और उन्हें मुक्त कराया। प्रसन्न होकर शनि देव ने हनुमान को वरदान दिया कि जो भी तुम्हारी भक्ति करेगा, उस पर मेरी कठोर दृष्टि नहीं पड़ेगी। यही कारण है कि आज भी लोग शनि के प्रकोप से बचने के लिए हनुमान जी की पूजा करते हैं।
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।