धर्म

शिवलिंग पर कौन सा पानी चढ़ाना चाहिए? मंदिर का रखा पानी शुभ या अशुभ?

सावन 2025: अगर आप हर सुबह नियमपूर्वक शिवलिंग पर जल अर्पित करते हैं, तो इसका शुभ प्रभाव न केवल आपके मन और आत्मा पर पड़ता है, बल्कि पूरे परिवार के जीवन में भी सकारात्मक ऊर्जा भर देता है। लेकिन एक सवाल अक्सर उठता है — क्या मंदिर में रखा हुआ पानी शिवलिंग पर चढ़ाना उचित है? जानिए इसका सही उत्तर और महत्व।

धर्म डेस्क | नेशनल खबर

क्या मंदिर में रखा हुआ पानी शिवलिंग पर चढ़ाना सही है? जानिए सच्चाई, महत्व और सही तरीका
अक्सर लोगों के मन में यह सवाल आता है कि क्या मंदिर में रखा हुआ पानी शिवलिंग पर चढ़ाना ठीक है? कुछ लोग मानते हैं कि इससे कोई अशुभ प्रभाव पड़ सकता है, लेकिन सच इसके बिल्कुल उलट है। दरअसल, शिवलिंग पर जल चढ़ाना भगवान शिव की पूजा का एक पवित्र और बेहद शुभ तरीका है, जिसे अभिषेक कहा जाता है। इससे न केवल मन को शांति मिलती है, बल्कि पूरे परिवार पर भी भगवान की कृपा बरसती है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का महत्व

शिवलिंग पर जल अर्पण करना केवल एक धार्मिक रिवाज नहीं है, बल्कि यह ध्यान, भक्ति और आत्मिक शुद्धि का प्रतीक भी है। कहा जाता है कि इससे शरीर और मन को ठंडक मिलती है और जीवन की समस्याओं से राहत मिलती है। मंदिर का पानी, जो पहले से पूजन के वातावरण में रखा होता है, और भी पवित्र माना जाता है। ऐसे जल से शिवलिंग का अभिषेक करना न केवल सही है, बल्कि शुभ भी है।

भगवान शिव को प्रसन्न करने का आसान उपाय

शिवलिंग पर जल अर्पित करने से भगवान शिव जल्दी प्रसन्न होते हैं। मान्यता है कि इससे जीवन में शांति, सुख-समृद्धि और अच्छा स्वास्थ्य बना रहता है। जो लोग नियमित रूप से सुबह शिवलिंग पर जल चढ़ाते हैं, उनके जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं और कई कठिनाइयाँ दूर हो जाती हैं।

चरणामृत के रूप में शिवलिंग का जल

शिवलिंग पर चढ़ाया गया जल चरणामृत के समान पवित्र माना जाता है। इसे प्रसाद की तरह ग्रहण करना शुभ होता है। कई लोग इस जल को अपने घर में भी छिड़कते हैं, जिससे नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और घर का वातावरण शांत और सकारात्मक रहता है।

शिवलिंग पर जल चढ़ाने का सही समय और तरीका

सुबह का समय शिवलिंग पर जल चढ़ाने के लिए सबसे उत्तम माना जाता है। इस समय वातावरण शांत होता है और मन भी एकाग्र रहता है। जल अर्पण करते समय ध्यान रखें कि धार पतली हो और जल बूंद-बूंद शिवलिंग पर गिरता रहे। यह विधि शास्त्रों के अनुसार पूर्ण मानी जाती है और मन को भी शांति देती है।

दिशा और मंत्र का ध्यान रखें

जल चढ़ाते समय हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा की ओर मुख करके खड़े हों। साथ ही, “ॐ नमः शिवाय” का जाप करते हुए अभिषेक करें। इससे पूजा का प्रभाव और भी बढ़ जाता है और भगवान शिव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।

इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं और परंपराओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता।

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