राज्यबिहार

भारतमाला परियोजना: कैमूर के 5 और गांवों को मिला संशोधित मुआवजा

कैमूर जिले में भारतमाला परियोजना को लेकर बड़ी प्रगति, 5 और गांवों के संशोधित मुआवजा अवार्ड को मिली मंजूरी

Written by: Himanshi Prakash, National Khabar

भारत सरकार की बहुप्रतीक्षित भारतमाला परियोजना के तहत वाराणसी-रांची-कोलकाता ग्रीनफील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण कार्य को लेकर कैमूर जिले में एक अहम प्रशासनिक और कानूनी कदम उठाया गया है। परियोजना के अंतर्गत आने वाले पांच और राजस्व गांवों – करियारा, बीयर, कुरई, दुबौली और पाली – के लिए संशोधित मुआवजा अवार्ड को स्वीकृति दे दी गई है।

यह मंजूरी आर्बिट्रेटर न्यायालय के आदेश के आधार पर दी गई है, जिसके तहत संबंधित रैयतों को अब दोगुना मुआवजा दिया जाएगा। इससे पहले 47 गांवों के मुआवजा अवार्ड को पहले ही मंजूरी दी जा चुकी है, और उनमें से अधिकतर मामलों में भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। अब तक लगभग 18 करोड़ रुपये की राशि रैयतों के खातों में भेजी जा चुकी है।

अब कुल मिलाकर 52 राजस्व गांवों के मुआवजा अवार्ड को अनुमोदन मिल चुका है। जिला भू-अर्जन पदाधिकारी ने बताया कि इन सभी गांवों के रैयतों को नोटिस जारी किए जा चुके हैं, जिन्हें संबंधित अंचल कार्यालयों और स्थानीय थानों के माध्यम से वितरित किया जा रहा है।

जो रैयत किसी कारणवश नोटिस नहीं ले सके हैं, वे सीधे जिला भू-अर्जन कार्यालय से नोटिस प्राप्त कर सकते हैं। उन्हें यह निर्देश दिया गया है कि वे राजस्व अभिलेख, खतियान, नक्शा, रसीद आदि दस्तावेजों के साथ आवेदन करें। इसके बाद संबंधित अमीन भूमि की मापी कर प्रतिवेदन प्रस्तुत करेगा, जिसे अंचलाधिकारी द्वारा सत्यापित किया जाएगा। इसके बाद मुआवजा भुगतान की प्रक्रिया आरंभ होगी।

रैयतों की सुविधा के लिए डीएम के निर्देशानुसार, आर्बिट्रेटर न्यायालय का सत्यापित आदेश भी जिला कार्यालय से उपलब्ध कराया जा रहा है ताकि उन्हें पटना जाकर कार्य न करना पड़े।

जिन रैयतों ने अब तक आर्बिट्रेटर न्यायालय में आवेदन नहीं किया है, उनके लिए भी आवेदन की प्रक्रिया खुली है। वे अपने दस्तावेजों के साथ भू-अर्जन कार्यालय में आवेदन कर सकते हैं। आवेदनों का निष्पादन विशेष कैंप कोर्ट के माध्यम से जल्दी किया जाएगा।

प्रशासन ने प्रत्येक अंचल में अमीनों की प्रतिनियुक्ति कर दी है, जिन्हें निर्देश दिया गया है कि वे अपने क्षेत्र में अधिग्रहण की गई जमीन की नापी प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर निर्धारित समय के भीतर रिपोर्ट सौंपें, ताकि मुआवजा वितरण में कोई देरी न हो।

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