
बिहार में चुनाव है, नीतीश सरकार में दामादवाद परिवारवाद पर भारी पड़ रहा है, सरकार दामादों को खुश क्यों कर रही है?
Written by: Prakhar Srivastava, National Khabar
इस साल के अंत में बिहार में विधानसभा चुनाव होने हैं। नीतीश सरकार ने पहले ही आयोगों को पुनर्गठित किया था। इन आयोगों में कई नेताओं के दामाद शामिल हैं। तेजस्वी यादव ने इस पर नीतीश सरकार पर हमला बोला है।
बिहार की राजनीति में एक बार फिर चुनाव का रंग आने लगा है। नेताओं का तीखा भाषण मंचों से सुनाई देता है, जबकि सड़कों पर जनता का शोर है। जनसंपर्क यात्रा पर निकले प्रशांत किशोर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बिहार के युवाओं के रोजगार को लेकर कड़े सवाल पूछे, वहीं एनडीए सरकार पर विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने परिवारवाद को खुलकर प्रोत्साहित किया।
राजनीतिक तनाव चरम पर है, हर तरफ आरोप-प्रत्यारोप हो रहे हैं और बयानबाजी तेज है। इस बीच, बाबा साहब आंबेडकर का अपमान करने वाले नए विवादों और नीतीश कुमार के बेटे निशांत की राजनीति में एंट्री की अटकलों ने चुनावों को और गर्म कर दिया है।
चुनावी दौड़ में प्रशांत किशोर जनसंपर्क की ओर।
जन सुराज के संस्थापक प्रशांत किशोर (PK) राज्य भर में जनसंपर्क अभियान चला रहे हैं, क्योंकि बिहार में विधानसभा चुनाव की तैयारी चल रही है। पीके ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गोपालगंज के विजयीपुर में ‘बिहार बदलाव यात्रा’ के तहत एक जनसभा को संबोधित किया।
उनका कहना था, “मोदी जी बिहार आकर ये क्यों नहीं बताते कि हमारे बच्चों को कब से मजदूरी के लिए गुजरात नहीं जाना पड़ेगा?” उसने यह भी कहा कि गुजरात में रोजगार और फैक्ट्रियां हैं, लेकिन बिहार को केवल मुफ्त अनाज मिल रहा है।
परिवारवाद ने हर दल को घेर लिया
प्रशांत किशोर ने जनसभा में जेडीयू और आरजेडी पर परिवारवाद का आरोप लगाया भी। उन्होंने कहा कि बिहार में सभी दलों में एक ही परिवार के कई सदस्यों को अलग-अलग पार्टियों में महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्त किया गया है। उन्होंने अशोक चौधरी पर भी टिप्पणी की कि उनके ससुर कांग्रेस में मंत्री रहे, खुद जेडीयू में मंत्री रहे, उनकी बेटी लोजपा (रामविलास) से सांसद रही और उनके दामाद धार्मिक न्यास पर्षद में सदस्य थे।
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने इस बीच मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधते हुए कहा कि एनडीए सरकार में नेताओं के संबंधियों को लाभ मिल रहा है। उनका तंज था कि बिहार में नेताओं के दामादों और जीजाओं को सिस्टम में फिट करने के लिए ‘जमाई आयोग’ और ‘जीजा आयोग’ बनाना चाहिए। उन्हें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी घेरते हुए कहा कि जो लोग ‘परिवारवाद’ की बात करते हैं, वे बिहार में आकर देखें क्या हो रहा है।
निशांत कुमार को लेकर राजनीतिक हलचल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के बेटे निशांत कुमार भी चुनाव लड़ने के लिए चर्चा में हैं। जेडीयू सांसद कौशलेंद्र कुमार ने कहा कि निशांत अच्छे और पढ़े-लिखे लोग हैं, जिन्हें जनता राजनीति में देखना चाहती है। उन्हें लगता था कि निशांत को नालंदा जिले की इस्लामपुर सीट से चुनाव लड़ना चाहिए।
लालू-तेजस्वी पर सभी पार्टियो ने मिलकर भारत रत्न डॉ. आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने भी नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव पर डॉ. भीमराव आंबेडकर का अपमान करने का आरोप लगाया है। उनका कहना था कि लालू यादव ने अपने जन्मदिन पर डॉ. आंबेडकर की तस्वीर को उनके पैरों के पास रखकर उनका अपमान किया। उनका कहना था कि लालू यादव को देश से माफी मांगनी चाहिए, लेकिन वह सिर्फ अहंकार व्यक्त कर रहे हैं।
बिहार राजनीति में पार्टियो की बयानबाजी।
बिहार में चुनाव नज़दीक आते ही बयानबाज़ी भी तेज होती जा रही है। जन सुराज परिवारवाद का मुद्दा उठाता है, जबकि एनडीए और आरजेडी में भी बहस जारी है। वहीं, राजनीति में राजनीतिक परिवारों की नई पीढ़ी लाने की बहस भी गर्म है।