
पटना: नगर निगम ने बोरिंग रोड मामले के बाद एक विशेष टीम गठित की है, जो केवल आवेदन देकर ही निर्माण कार्य शुरू कर देने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी।
Written by: Himanshi Prakash, National Khabar
पटना के बोरिंग रोड चौराहा के पास एक निर्माणाधीन भवन की बेसमेंट की खुदाई के दौरान मिट्टी खिसकने की घटना सामने आने के बाद पटना नगर निगम हरकत में आ गया है। बिना नक्शा स्वीकृति के हो रहे निर्माण कार्यों पर सख्ती बरतते हुए नगर निगम ने जांच टीम का गठन किया है।
नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर के निर्देश पर निगम के छह अंचलों – पाटलिपुत्र, नूतन राजधानी, कंकड़बाग, बांकीपुर, पटना सिटी और अजीमाबाद – में विशेष जांच अभियान शुरू किया गया है।
नक्शा स्वीकृति से पहले शुरू हो रहा निर्माण?
नगर निगम की जांच टीम यह सुनिश्चित करेगी कि जिन लोगों ने भवन निर्माण के लिए आवेदन दिए हैं, उन्होंने बिना नक्शा पास कराए ही निर्माण कार्य तो नहीं शुरू कर दिया है। यह भी देखा जाएगा कि नक्शा स्वीकृति के लिए दिए गए आवेदन ऑनलाइन ऑटोमैप सिस्टम के माध्यम से किए गए हैं या नहीं।
234 आवेदनों की होगी स्थलीय जांच
नगर निगम क्षेत्र में इस समय 234 मकान निर्माण के आवेदन लंबित हैं। अब इन सभी पर स्थलीय निरीक्षण किया जाएगा। शहरी योजना शाखा के साथ-साथ अंचल कार्यपालक पदाधिकारी भी इस प्रक्रिया में शामिल होंगे।
जियो टैग फोटो भी होगा प्रमाण
जांच टीम न केवल मौके पर जाकर निरीक्षण करेगी बल्कि वहां की जियो टैग की गई तस्वीरें भी उपलब्ध कराएगी, ताकि किसी भी गड़बड़ी का पुख्ता प्रमाण रहे।
नियम उल्लंघन पर होगी कड़ी कार्रवाई
अगर किसी भी निर्माण स्थल पर नियमों की अनदेखी या बिल्डिंग बायलॉज का उल्लंघन पाया गया, या जानकारी छिपाई गई, तो संबंधित लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
नगर निगम की यह कार्रवाई यह सुनिश्चित करने की दिशा में अहम कदम है कि शहरी विकास नियमों का सही तरीके से पालन हो और भविष्य में किसी भी तरह की दुर्घटनाओं से बचा जा सके।