उत्तर प्रदेशराज्य

नोएडा वृद्धाश्रम में अमानवीयता का खुलासा, तहखाने में बंद मिले बुजुर्ग

नोएडा के एक वृद्धाश्रम में बुज़ुर्गों के साथ दुर्व्यवहार करने का मामला सामने आया है जिसके बाद नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग ने संयुक्त रूप से छापेमारी की है।

Written by Himanshi Prakash , National Khabar

नोएडा के एक वृद्धाश्रम में गुरुवार को उत्तर प्रदेश महिला आयोग, नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग ने संयुक्त रूप से छापेमारी की और वहां दयनीय हालत में मिले 39 बुजुर्गों को बचाया। सभी लोगों को दो से तीन दिन में सरकारी वृद्धाश्रम में स्थानांतरित किया जाएगा।

राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि सेक्टर-55 स्थित आनंद निकेतन वृद्धाश्रम में की गई छापेमारी में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। उन्होंने बताया, “छापे के दौरान हमने एक वरिष्ठ नागरिक महिला को बंधी हुई अवस्था में पाया, जबकि अन्य बुजुर्गों को तहखाने जैसी दमघोंटू स्थितियों में कैद कर रखा गया था। सबसे दुखद यह था कि पुरुष वरिष्ठ नागरिकों के पास बुनियादी कपड़ों का भी अभाव था, जबकि कई महिला बुजुर्ग अर्धनग्न अवस्था में मिलीं।”

वृद्धाश्रम का वीडियो हुआ था वायरल
उन्होंने बताया कि इसी वृद्धाश्रम का एक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक बुजुर्ग महिला को हाथ बांधकर एक कमरे में बंद किया गया था।
नोएडा के वृद्धाश्रम में अमानवीय हालात का खुलासा, छापेमारी में 39 बुजुर्गों को बचाया गया

नोएडा के सेक्टर-55 स्थित एक निजी वृद्धाश्रम में गुरुवार को मानवता को शर्मसार करने वाली स्थिति सामने आई। उत्तर प्रदेश महिला आयोग, नोएडा पुलिस और समाज कल्याण विभाग की संयुक्त छापेमारी में वृद्धाश्रम से 39 बुजुर्गों को बेहद दयनीय हालत में पाया गया। इन सभी को दो से तीन दिन के भीतर सरकारी वृद्धाश्रम में स्थानांतरित किया जाएगा।

छापेमारी के दौरान मिला भयावह दृश्य
राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि छापेमारी के दौरान वृद्धाश्रम के तहखाने जैसे कमरों में बुजुर्गों को बंद पाया गया। एक बुजुर्ग महिला को रस्सियों से बंधा हुआ पाया गया, जबकि कई बुजुर्ग बिना कपड़ों के थे। कुछ महिला बुजुर्गों के शरीर पर आधे-अधूरे कपड़े थे। उन्होंने कहा, “यह दृश्य अत्यंत पीड़ादायक और अमानवीय था।”

वायरल वीडियो से हुआ खुलासा
इस छापेमारी की कार्रवाई उस समय शुरू की गई जब एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें एक बुजुर्ग महिला को हाथ बांधकर बंद कमरे में रखा गया था। वीडियो के लखनऊ तक पहुंचने के बाद समाज कल्याण विभाग ने छापेमारी के निर्देश दिए। मौके पर पहुंची टीम को न तो प्रशिक्षित स्टाफ मिला और न ही बुजुर्गों की देखभाल के लिए कोई उचित व्यवस्था। कई बुजुर्गों के कपड़े मल-मूत्र से सने हुए थे। खुद को नर्स बताने वाली महिला की योग्यता सिर्फ 12वीं पास पाई गई।

आश्रम का संचालन नियमों के खिलाफ
राज्य महिला आयोग की सदस्य मीनाक्षी भराला ने बताया कि वृद्धाश्रम में नियमों और मानकों का स्पष्ट रूप से उल्लंघन किया जा रहा था। समाज कल्याण विभाग के अधिकारियों ने जानकारी दी कि यह संस्था उत्तर प्रदेश महिला एवं बाल विकास विभाग के अधीन पंजीकृत है, और इसका पंजीकरण 1 नवंबर 2023 को किया गया था।

अमीर परिवारों के माता-पिता, फिर भी उपेक्षित
जांच में यह बात सामने आई कि इस वृद्धाश्रम में बुजुर्गों को रखने के लिए 2.5 लाख रुपये डोनेशन और हर महीने 6,000 रुपये का शुल्क लिया जाता था। जब अधिकारियों ने बुजुर्गों के परिजनों से बात की, तो उन्होंने सबकुछ “ठीक” बताया। हैरान करने वाली बात यह थी कि इनमें से कई बुजुर्ग उन लोगों के माता-पिता थे, जो नोएडा के संपन्न और प्रतिष्ठित परिवारों से ताल्लुक रखते हैं।

यह मामला केवल एक वृद्धाश्रम की लापरवाही नहीं, बल्कि हमारे समाज की सामूहिक संवेदनहीनता को भी उजागर करता है। अब आवश्यकता है कि बुजुर्गों की देखभाल के नाम पर चल रहे ऐसे संस्थानों की नियमित जांच हो और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button