“पैसे नहीं, मेरे पापा चाहिए” – विमान हादसे में पिता को खोने वाली फाल्गुनी का भावुक दर्द

फाल्गुनी की चीख: “पैसे नहीं, मेरे पापा चाहिए…”
अहमदाबाद विमान हादसे में पिता को खोने वाली फाल्गुनी की आंखों में आंसू थे, दिल में गुस्सा, और जुबान पर एक बेटी का दर्द। उनकी एक-एक बात जैसे सवाल बनकर एयर इंडिया से जवाब मांग रही थी।
Written by: Himanshi Prakash, National Khabar
“आप एक करोड़ देना चाहते हो, मैं दो करोड़ दूंगी… बस मेरे पापा लौटा दो”
फाल्गुनी ने रोते हुए कहा – “क्या इंसान की कीमत एक करोड़ है? मैं दो करोड़ देने को तैयार हूं, बस मेरे पापा वापस ला दो।” उनकी आवाज में गूंजता दर्द किसी का भी दिल तोड़ सकता था।
“पापा की क्या गलती थी?”
फाल्गुनी पूछती हैं, “मेरे पापा की क्या गलती थी जो वो उस फ्लाइट में बैठे? उन्हें क्यों सजा मिली?” उनकी नाराजगी सिर्फ एयर इंडिया से नहीं, उस पूरे सिस्टम से थी जिसने हादसे के बाद भी संवेदना नहीं दिखाई।
“पैसा नहीं चाहिए, पापा चाहिए”
“पैसे से क्या होगा? क्या उस प्यार को खरीदा जा सकता है जो मेरे पापा मुझे देते थे?” फाल्गुनी कहती हैं, “उन पैसों से हम बिस्तर खरीद सकते हैं, लेकिन उस पर नींद नहीं आएगी।”
“मेरे पापा देशभक्त थे…”
फाल्गुनी ने बताया कि उनके पापा हमेशा कहते थे कि एयर इंडिया देश की शान है, और वे खुद को उसका गर्वित यात्री मानते थे। अब फाल्गुनी सवाल करती हैं – “क्या यही इनाम था उनके देश प्रेम का?”
“बंद कर दो एयर इंडिया…”
गुस्से और ग़म से भरी फाल्गुनी ने कहा, “अगर आप सुरक्षित उड़ान नहीं दे सकते, तो एयर इंडिया को बंद कर दो। ये कोई मजाक नहीं है। किसी की जान से बड़ी कोई चीज़ नहीं होती।”
फाल्गुनी की ये बातें सिर्फ एक बेटी की चीख नहीं हैं, बल्कि हर उस इंसान की आवाज है जिसने अपनों को खोया है।