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बंगाल में पचायत चुनाव में बढ़ती हिंसा के प्रमुख कारण

रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा

बंगाल में पंचायत चुनाव ने कब आतंक का रूप लिया समझ ही नहीं आया | बंगाल में हालात गंभीर हैं साथ ही बंगाल गवर्नर जब जमीनीस्तर की जाँच के लिए पहुंचे तो उन्होने अलग ही रिपोर्ट राज्य चुनाव आयोग को भेज दी| बंगाल की सीमाओं पर भी रोक लगाई जा रही है जिससे बहार का कोई संदिग्ध व्यक्ति राज्य में हिंसा न फैला सके | दुश्री तरफ बंगाल में ममता सरकार की चिप्स की बिटियन लग चल रही हैं |
कई गंभीर मुद्दे हैं जो साफ तौर पर पंचायत चुनाव के लिए मुसीबा बनते दिख रहे हैं | एक एक कर सबपर चर्चा करते हैं |

1- राज्य में महीने भर से आतंक का माहौल

इसके लिए एक छोटा सा जवाब है चुनाव जीतना | जैसे ही पंचायत चुनाव के लिए नामांकन दायर किये गए की तभी से माहौल गर्माता हुआ नज़र आया | 9 जून को नामांकन दायर किये गए और उसके बाद से 6 TMC कार्यकर्ताओं की मौत हुई | कई जगहों पर बम पाए गए , कई लोग गिरफ्तार किये गए | ये सारी घटनाएँ साउथ 24 परगना,मुर्शिदाबाद , पूर्व बुरवान ,जलपाईगुड़ी, कूचबिहार जैसी जगहों पर दर्ज की गयी हैं | इसका सीधा सरल फार्मूला बंगाल में है चुनाव जीतना | कैसे भी करके “खला होबे ” डॉयलोग को साबित करना | ये दौर आज से नहीं CPM के राज से चला आ रहा है जब सरकार बनाने के लिए काफी दंगे हुए और सरकार लम्बे समय तक काबिज रही थी |

  1. गवर्नर की रिपोर्ट में क्या है बंगाल गवर्नर सी वि आनंद बोस चुनाव से पहले जमीनी स्तर पर तफ्तीश करने को पहुंचे | जो भी रिपोर्ट सामने आई उन्होंने राज्य चुनाव आयोगके राजीव सिन्हा को भेज दी इस पुरे रिपोर्ट को लिफाफे में बंद करके भेजा गया है | वैसे फ़िलहाल तक ये पता नहीं चला है की लिफ़ाफ़े में क्या था लेकिन एक TV चैनल के मुताबिक इस लिफाफे में बताया गया है की वो कौन से क्षेत्र हैं जो आतंक से ग्रषित हैं और आखिर बम कौन कौन सी जगह से बरामद हुए हैं |

3- चिप्स से चुनाव जीने की रणनीति

बंगाल में चिप्स के कुछ ऐसे पैकेट्स दुकानों पर पाए गए हैं जिसमें सरकार के द्वारा चलाए जा रहे नीतिओं और स्कीम्स के बारे में जिक्र किया गया है और दुकानदारों जब इसकी जानकारी ली गयी की आखिर कहाँ से ये पैकेस्ट्स आए हैं तो उन्हें इसके बारे में कुछ पता ही नहीं है |

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