दिल्ली इलेक्शन 2025: सामने आया केजरीवाल का मास्टर प्लान, दिल्ली चुनाव से पहले बीजेपी से क्यों आगे हुई AAP? Aam Aadmi Party
Delhi vidhan sabha election 2025 को लेकर आम आदमी पार्टी सभी 70 सीटों पर प्रत्याशी उतार चुकी है। इसके साथ ही Aam Aadmi Party अन्य प्रमुख दलों (भाजपा और कांग्रेस) से रणनीतिक बढ़त बना ली है। जबकि अभी बीजेपी प्रत्याशियों के टिकट एलान को लेकर मंथन में ही जुटी हुई है। ऐसे में AAP ने पहले प्रत्याशियों को टिकट देकर राजनीतिक माहौल गर्म कर दिया है।
आम आदमी पार्टी ने अन्य दलों पर बनाई रणनीतिक बढ़त
- Delhi में फरवरी 2025 में होने हैं चुनाव
- आम आदमी पार्टी ने अन्य दलों पर बनाई रणनीतिक बढ़त
न्यू दिल्ली। AAP नई दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर सभी सीटों पर प्रत्याशी घोषित कर रणनीतिक तौर पर दूसरे दलों से बढ़त बना ली है। प्रमुख विपक्षी दल बीजेपी अभी जहां फरवरी में न होने जा रहे दिल्ली विधानसभा चुनाव को लेकर एक भी टिकट अभी तक जारी नहीं कर पाई है। भाजपा यहां तक कि टिकटों के मामले में फैसला तक नहीं ले पाई है, जबकि AAP ने अंतिम सूची जारी करने के साथ बची हुई 38 सीटों पर प्रत्याशियों की टिकट घोषित कर साफ कर दिया है कि वह पूरी तरह से चुनाव में उतर चुकी है।
अरविंद केजरीवाल की रेवड़ियों पर हो रही चर्चा
इस सब के पीछे AAP की रणनीति यह है कि जब तक दूसरे दलों के प्रत्याशी घोषित हो और वह चुनाव प्रचार में लगे, इससे पहले ही उनके प्रत्याशी हर मोहल्ले और हर गली में जाकर लोगों से अपना संपर्क स्थापित कर सकें। AAP एक रणनीति के तहत अलग से पार्टी के वालंटियर्स की टीम को लगाकर भी प्रचार कर रही है, जिसके तहत केजरीवाल की रेवड़ियों पर चर्चा हो रही है।
Delhi में रोज हो रही दो हजार बैठके
इस कार्यक्रम के तहत प्रतिदिन दिल्ली भर में दो हजार बैठके आयोजित हो रही हैं। AAP का लक्ष्य इस कार्यक्रम के माध्यम से 65000 बैठके करने का लक्ष्य है। यह बैठकें चुनाव के लिए होने वाली मतदान से पहले तक पूरी की जाएंगी, इसमें प्रत्याशी भाग नहीं लेंगे, प्रत्याशियों का जनसंपर्क अभियान अलग से चलेगा।
पहले के चुनाव में क्या रही आम आदमी पार्टी की रणनीति?
यहां बता दें कि 2013 और 2015 के बाद यह चुनाव ऐसा चुनाव है जब AAP ने बहुत पहले ही अपने प्रत्याशी घोषित कर चुनावी मैदान में उतार दिया है और चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। अब देखना यह है कि आने वाले समय में दिल्ली में राजनीतिक दलों के लिए माहौल किस तरह बनता है।