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AIIMS Raebareli: एम्स की आपातकालीन सेवाओं के सामने एंबुलेंस पर एक व्यक्ति घंटों तड़पता रहा

AIIMS Raebareli: एम्स की आपातकालीन सेवाओं के सामने एंबुलेंस पर एक व्यक्ति घंटों तड़पता रहा, जब उसके परिजन मिन्नतें कर कर के थक गए और उसे भर्ती नहीं किया जा रहा था, तो उन्होंने आरएसएस के जिला कार्य समिति सदस्य व जिला शिक्षक प्रमुख को फोन मिला दिया, आरएसएस के पदाधिकारी ने कई बार अधिशासी निदेशक डॉ अरविंद राजवंशी को फोन किया लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया, लगातार तीन वॉइस मैसेज भेजे गए तब जाकर उनका फोन उठा, जब उनसे कहा गया कि कोई इमरजेंसी होगी और आप फोन नहीं उठाएंगे, तो उन्होंने कहा कि यह ये आरएसएस क्या होता है? जिसका नंबर सेव नहीं है उसका फोन उठाने के लिए मोदी जी ने मना किया है। यह वही अरविंद राजवंशी है जो अपनी हिटलरशाही और तानाशाही के चलते माननीय उच्च न्यायालय में मुंह की खा चुके हैं। बढ़ती उम्र के साथ-साथ इनकी भाषा और शैली भी बदलता जा रही। वैसे एम्स रायबरेली में अब तक के सबसे विफल नेतृत्वकर्ता साबित हुए हैं डॉक्टर अरविंद राजवंशी। Narendra Modi PMO India AIIMS Raebareli.

Aiims raebareli ambulance

आरएसएस क्या है, मोदी जी ने मुझे फोन उठाने से मना किया है: डॉ. अरविंद राजवंशी आरएसएस कार्यसमिति के सदस्य द्वारा फोन करने और अभद्र व्यवहार करने पर एम्स के कार्यकारी निदेशक भड़के अनुज अवस्थी रायबरेली। बढ़ती उम्र के साथ एम्स के कार्यकारी निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी की भाषा शैली भी बदलती जा रही है। अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान का नेतृत्व करने वाले डॉ. राजवंशी न केवल असंवेदनशील हैं, बल्कि संस्थान का प्रबंधन करने में भी विफल रहे हैं। हिटलरशाही और मनमानी के कारण माननीय उच्च न्यायालय में भी आलोचना झेल चुके ईडी का रवैया नहीं बदल रहा है। बुधवार को उन्होंने अपनी अभद्र भाषा शैली का एक और उदाहरण पेश किया है।

आरएसएस कार्यकर्ता द्वारा कई बार फोन करने पर भी जब उन्होंने फोन नहीं उठाया तो एक वॉइस मैसेज भेजा गया। इसके बाद जब उन्होंने फोन उठाया तो ईडी ने साफ कहा कि आरएसएस क्या है? मोदी जी ने मना किया है कि जिनका नंबर सेव नहीं है उनका फोन नहीं उठाया जाए। ईडी का यह बयान बताता है कि वे कितने? गंभीर और संवेदनशील व्यक्ति है। हैरानी की बात यह है कि केंद्र सरकार को पूरे देश में कोई दूसरा डॉक्टर नहीं मिला जो रायचुरली एम्स का नेतृत्व कर सके, यही वजह है कि तमाम आलोचनाओं के बावजूद डॉ. राजवंशी को बार-बार वाकओवर दिया जा रहा है। मामला गंभीर बीमारी से पीड़ित मरीज से जुड़ा है। बताया जा रहा है कि पन्ना लाल जब इमरजेंसी गेट के सामने घंटों एंबुलेंस में दर्द से तड़पते मरीज को भर्ती नहीं किया गया तो फोन किया गया। डॉ. अरविंद राजवंशी संस्थान के प्रबंधन में पूरी तरह विफल नजर आ रहे हैं, उन्हें हाईकोर्ट में भी शर्मिंदगी का कारण बन चुके हैं गुप्ता गंभीर बीमारी से पीड़ित थे।

उन्हें बेहोशी की हालत में एम्स ले जाया गया, लेकिन वे कई घंटों तक एंबुलेंस में ही रहे। उन्हें भर्ती नहीं किया गया। मरीज के परिजनों ने मरीज को भर्ती कराने के लिए काफी प्रयास शुरू कर दिए। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की जिला इकाई कार्यसमिति के सदस्य और जिला शिक्षक कार्य प्रमुख निरंकार शुक्ला ने कार्यकारी निदेशक डॉ. अरविंद राजवंशी को कई बार फोन किया, लेकिन उन्होंने फोन नहीं उठाया। उन्होंने तीन बार वॉयस मैसेज रिकॉर्ड करके भेजे। इसके बाद ईडी ने फोन उठाया तो निरंकार शुक्ला ने खुद को आरएसएस कार्यकर्ता बताते हुए ईडी से कहा कि आप इमरजेंसी के समय भी फोन नहीं उठाते।

इसके बाद ईडी भड़क गए। पहले तो उन्होंने कहा कि ये आरएसएस क्या है? इसके बाद उन्होंने कहा कि मोदी जी ने कहा है कि जिनके नंबर मोबाइल में सेव नहीं हैं, उनका फोन नहीं उठाना चाहिए। निरंकार शुक्ला ने बताया कि एम्स जैसे संस्थान के कार्यकारी निदेशक के मुंह से ऐसी भाषा सुनकर वे हैरान हैं। निरंकार शुक्ला ने बताया कि निदेशक मोदी जी का नाम लेकर उन्हें बदनाम कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि ईडी के काम और व्यवहार को लेकर कई शिकायतें आ रही हैं। यहां यह भी उल्लेखनीय है कि डॉ. अरविंद राजवंशी अपनी तानाशाही के लिए मशहूर हैं। कई मामले सामने आ चुके हैं। जब डॉ. अरविंद राजवंशी को उनका पक्ष लेने के लिए बुलाया गया तो उन्होंने पाया कि रिपोर्टर का नंबर ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।

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