कब है कृष्ण जन्माष्टमी 2025? जानें सही तारीख और पूजा का समय

श्रीकृष्ण जन्माष्टमी 2025 का पर्व पूरे देश में भक्तिभाव और उत्साह के साथ मनाया जाएगा। इस दिन भक्त उपवास रखते हैं और रात को भगवान श्रीकृष्ण के जन्म के बाद पूजा-अर्चना कर व्रत का पारण करते हैं। आइए जानते हैं कि इस वर्ष जन्माष्टमी किस दिन मनाई जाएगी और इसका धार्मिक महत्व क्या है।
धर्म डेस्क | National Khabar
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शुभ मुहूर्त (Janmashtami Puja Muhurat)
इस वर्ष भाद्रपद मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि की शुरुआत 15 अगस्त को रात 8:19 बजे से हो रही है और इसका समापन 16 अगस्त को शाम 6:04 बजे होगा। ऐसे में जन्माष्टमी का व्रत शुक्रवार, 15 अगस्त को रखा जाएगा, जबकि व्रत का पारण शनिवार, 16 अगस्त को किया जाएगा। आइए जानते हैं इस पावन अवसर पर शुभ मुहूर्त और पूजन के विशेष समय कौन से रहेंगे।
श्रीकृष्ण पूजन मुहूर्त:
रात्रि 12:45 से 1:26 बजे तक
रोहिणी नक्षत्र कब शुरू होगा
17 अगस्त को दोपहर 1:08 बजे तक रहेगा।
रोहिणी नक्षत्र कब खत्म होगा
17 अगस्त की रात 11:47 बजे तक रहेगा।
ये काम ज़रूर करें
जन्माष्टमी के दिन शुभ मुहूर्त में भगवान श्रीकृष्ण का अभिषेक शंख से करना अत्यंत पुण्यकारी माना जाता है। इस अवसर पर शंख में पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर) भरकर श्रीकृष्ण का अभिषेक अवश्य करें। ऐसा करने से शुभ फल और भगवान की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
कान्हा को अर्पित करें ये भोग
जन्माष्टमी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा मध्यरात्रि, यानी निशीथ काल में की जाती है। इस खास मौके पर लड्डू गोपाल जी को उनके प्रिय भोग माखन-मिश्री जरूर अर्पित करें। भोग में तुलसी का पत्ता जरूर डालें, क्योंकि बिना तुलसी के श्रीकृष्ण का भोग अधूरा माना जाता है।
कान्हा के मंत्र
ॐ नमो भगवते तस्मै कृष्णाया कुण्ठमेधसे।
सर्वव्याधि विनाशाय प्रभो माममृतं कृधि।।
ॐ कृष्णाय नमः
हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ।
हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ।।
ॐ श्री कृष्णः शरणं ममः
ॐ देव्किनन्दनाय विधमहे वासुदेवाय धीमहि तन्नो कृष्ण:प्रचोदयात
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। नेशनल ख़बर इसकी पुष्टि नहीं करता है।