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कैसे बने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी? देखिए ये स्पेशल रिपोर्ट

रिपोर्ट- भारती बघेल

17 सितंबर 2021 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 71 साल के हो चुके हैं। लेकिन कईयों के दिमाग में ये सवाल जरुर होगा कि एक आम आदमी इतना खास कैसे बन गया। तो आज हम आपको बताएंगे उनकी सफलता का रास्ता जो बहुत से गलियारों से होकर गुजरा।

सन् 1950 ये वो वक्त था जब गुजरात के वाडनगर के एक बहुत ही साधारण से परिवार में एक बच्चे ने जन्म लिया, जिसका नाम रखा गया गया नरेंद्र मोदी। मोदी के पिता स्टेशन पर चाय बेचते थे। जैसे जैसे नरेंद्र मोदी बड़े हुए। उन्होंने अपने पापा के काम में हाथ बंटाना शुरु कर दिया। मोगी भी अपने पापा के साथ बचपन में स्टेशन पर चाय बेचते थे। उसी दौर में गुजरात में आरएसएस का बहुत दबदबा था । वहीं मोदी का इस संघ की तरफ एक खास झुकाव था।

17 साल की उम्र में पीएम मोदी ने RSS में कदम रखा
धीरे धीरे वक्त गुजरा और आखिर में 1967 में नरेंद्र मोदी ने RSS ज्वांइन कर लिया। उसके बाद 1974 में नव निर्माण आंदोलन हुआ, जिसमें पीएम मोदी शामिल हुए। पीएम मोदी RSS के प्रचारक भी रहे उसके बाद वे सक्रिय राजनीति की तरफ आगे बढ़ गए।

1980 का वो वक्त भा आया जब पीएम मोदी ने भाजपा को ज्वांइन कर लिया। पीएम मोदी ने जैसे ही भाजपा इकाई को ज्वाइंन किया तो अंदेशा ये लगाया गया कि भाजपा को संघ का सीधा फायदा मिलने लगेगा। इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए 1988-89 में पीएम मोदी को भाजपा की गुजरात इकाई का महासचिव बनाया गया। उसके बाद 1990 में लाल कृष्ण आडवाणी ने सोमनाथ अयोध्या रथ यात्रा का आयोजन किया था। इस आयोजन में नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभायी। इसे आप पीएम मोदी का टर्निंग प्वाइंट कह सकते हैं। क्योंकि इसके बाद से उन्हें भाजपा की तरफ से कई राज्यों का प्रभारी बना दिया गया।

गुजरात के सीएम बने मोदी
सन् 1995 मोदी के लिए खास रही क्योंकि ये वही वक्त था जब पीएम मोदी को भारतीय जनता पार्टी का राष्ट्रीय सचिव और पांच राज्यों का प्रभारी बनाया गया। इसके बाद 1998 में वो संगठन के महासचिव बने। और इस महासचिव के पद पर वो अक्टूबर 2001 तक बने रहे। इसी बीच गुजरात में भूकंप आया और 20 हजार से ज्यादा लोगों ने इसमें जान गंवा दी। उसके बाद केशुभाई पटेल को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया गया। और पीएम मोदी को गुजरात का सीएम बना दिया गया।

2002 में हुआ गोधरा कांड
पीएम मोदी के गुजरात की सत्ता संभालते के करीब 5 महीन बाद ही गोधरा रेल हादसा हुआ, दिसमें कई हिंदू कारसेवक मार दिए गए। इसके बाद हिंदू भड़क गए और फरवरी 2002 में गुजरात में मुसलमानों के खिलाफ दंगा भड़क गया। इन दंगों में करीब 2 हजार लोगों को मौत के घाट उतार दिया। वहीं मारे गए ज्यादातर लोगों में मुसलमान थे। गुजरात पूरी तरह से दहल गया। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने गुजरात का दौरा किया। और पीएम मोदी को राजधर्म निभाने की सलाह दी गई। इस सलाह को वाजपेयी की नाराजगी के रुप में देखा गया।

इस दौरान मोदी पर आरोप लगे कि वो दंगे को नहीं रोक पाए। और भारतीय जनता पार्टी से उन्हें हटाने की मांग उठी। लेकिन उन्हें तत्कालीन प्रधानमंत्री प्रधानमंत्री लाल कृष्ण आडवाणी का समर्थन मिला। और इसी समर्थन के चलते पीएम मोदी सत्ता में बने रहे। वहीं गुजरात में जो दंगे हुए उसके चर्चे पूरे विश्व में हुए। और उसका नतीजा ये हुआ कि मोदी को अमेरिका जाने का वीजा नहीं मिला। वहीं ब्रिटेन ने भी 10 साल तक अपने रिश्ते तोड़ दिए।

जहां एक तरफ पीएम मोदी पर आरोप लगते रहे वहीं दूसरी ओर पीएम मोदी की राजनीतिक पकड़ मजबूत होती गई। जो भी दंगे मोदी के राज में हुए वो कभी भी कोर्ट में सिध्द नहीं हो पाए। और न ही कभी मोदी ने इन पर अफसोस जताया और न ही कभी इसके लिए मांफी मांगी। वहीं जो सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि दिसंबर 2002 में विधानसभा चुनावों में मोदी ने जीत दर्ज की।

इसके बाद 2007 में पीएम मोदी ने गुजरात के विकास को मुद्दा बनाया।और वापस जीतकर लौटे। वर्ष 2012 में नरेंद्र मोदी ने भाजपा का नेतृत्व किया। और गुजरात विधानसभा में भाजपा की जीत हुई।और अब केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार चल रही है।

बहुत कम ही लोग ऐसे होंगे जो जानते होंगे कि नरेंद्र मोदी कभी साधू बनना चाहते थे? और एक वक्त ऐसा भी था जब नरेंद्र मोदी ने चाय की दुकान लगाई थी। प्रधानमंत्री मोदी के जीवन में कई उतार चढ़ाव आए। चलिए हम आपको एक एक करके बताते हैं।

कैसा था नरेंद्र मोदी का बचपन
नरेंद्र मोदी बचपन में बाकी आम बच्चों से बिल्कुल थे। आम बच्चे जो शैतानी करते थे नरेंद्र मोदी हमेशा उनसे अलग काम करते थे। ये बात हम इसलिए कह रहे हैं क्योंकि नरेंद्र मोदी के घर के पास एक तालाब था। वहां से वो घड़ियाल का एक बच्चा पकड़ कर ले आए थे। उनकी मां ने उनको उसे वापस छोड़ने को कहा लेकिन मोदी नहीं माने।फिर उनकी मां ने उन्हें प्यार से समझाते हुए कहा कि अगर तुम्हें कोई मुझसे दूर करेगा तो कैसा लगेगा। मां की ये बातें सुनकर मोदी घड़ियाल के बच्चे को दोबारा तालाब में छोड़ आए।

बचपन से ही काफी स्टाइलिस्ट थे मोदी
हमने नरेंद्र मोदी को कई तरह के गेटअप में देखा है। बचपन से ही मोदी काफी स्टाइलिश हैं। कभी -कभी वो अपने बाल बढ़ा लेते थे। तो कभी वो सरदार के गेटअप में आ जाते थे। रंगमंच में भी मोदी खूब आनंद लेते थे। स्कूल में जब भी नाटक होते थे नरेंद्र मोदी उसमें बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते थे। वहीं जो सबसे खास बात ये है कि मोदी अपने रोल पर बहुत मेहनत करते थे।

बचपन में पीएम मोदी भगवताचार्य नारायणचार्य स्कूल में पढ़ते थे।अगर नरेंद्र मोदी की पढ़ाई की बात करें तो पढ़ने में वो औसत थे। और बाकी गतिविधियों में भी वो बढ़चढ़कर हिस्सा लेते थे।इसके अलावा उन्होंने एनसीसी भी ज्वाइन किया था। बोलने की कला में तो मोदी का कोई जवाब नहीं था। वो हर वाद- विवाद प्रतियोगिता में भाग लेती है। और अव्वल भी आते थे।

मिली जानकारी के मुताबिक बचपन में नरेंद्र मोदी को साधू संतो में बहुत रुचि थी वो खुद भी संन्यासी बनना चाहते थे। और इसी सोच के बाद मोदी स्कूल की पढ़ाई के बाद घर से भाग गए थे। घर से भागकर मोदी पश्चिम बंगाल में एक रामकृष्ण नाम के आश्रम में पहुंचे। कई जगहों पर मोदी घूमते घूमते आखिर में हिमालय पहुंच गए। और कई महीनों तक साधुओं के साथ घूमते रहे।

शुरुआत में ही नरेंद्र मोदी ने अपनी पहचान एक मेहनती कार्यकर्ता के रुप में बना ली थी। RSS के जितने भी बड़े शिविरों को आयोजन होता था, उसके मैनेजमेंट का जिम्मा मोदी ही उठाते थे। यहां तक कि RSS के नेताओं का बस और ट्रेन का रिजर्वेशन मोदी ही कराते थे। मोदी के मैनेजमेंट से RSS नेता बहुत खुश थे और इसी को ध्यान में रखते हुए RSS ने मोदी को बड़ी जिम्मेदारियां सौपना शुरु कर दीं। मोदी जिम्मेदारियां उठा सकें इसके लिए उन्हें RSS के राष्ट्रीय कार्यालय नागपुर में एक महीने की ट्रेनिंग दी गई।

मोदी की स्टाइल बाकी स्टार प्रचारकों से थोड़ी अलग थी। कभी मोदी दाढ़ी रख लेते थे तो कभी ट्रिम करवा लेते थे। गुजरात के सीएम बनने के बाद मोदी ने अपने पैर जमाने के लिए लोगों को बेहतर विकल्प देने के की कोशिश की। फिर चाहें बात कृषि की हो या उद्योग की। इस कदम का फायदा ये हुआ कि मोदी की हर जगह तारीफ होने लगी।

शुध्द शाकाहारी हैं नरेंद्र मोदी
दोस्तों आपको बता दें कि पीएम मोदी शुध्द शाकाहारी हैं। इतना ही नहीं पीएम मोदी ने आज तक शराब और सिगरेट को हाथ तक नहीं लगाया।ज्यादातर नरेंद्र मोदी को आपने आधे बाजू वाले कुर्ते में देखा होगा। कभी कभी वो सूट बूट में हीरो की तरह भी निकलते हैं। वहीं तकनीकों में भी नरेंद्र मोदी का काफी अच्छा तजुर्बा रहा है आप फेसबुक पर देखो या ट्विटर पर सबसे ज्यादा फॉलोअर्स आपको उनके ही मिलेंगे। सोशल मीडिया की दुनिया में वे पॉपुलर नेताओं में गिने जाते हैं।

उन्होंने टाटा को 2008 में नैनो कार संयंत्र खोलने का ऑफर किया था। जिसके चलते अब तक गुजरात बिजली सड़क के मामले में काफी विकसित हो चुका है।इसके अलावा पीएम मोदी को पतंगबाजी का भी बहुत शौक है। सियासी मैदान की तरह पतंगाबाजी में भी वो अच्छे अच्छे धुरंधरों की कन्नियां काट देते हैं।

नरेंद्र मोदी की शालीनता भी है बेमिशाल
22 अक्टूबर 2012 को ब्रिटिश उच्चायुक्त ने नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। मुलाकात के बाद उन्होंने मोदी की जमकर तारीफ की। इतना ही नहीं उन्होंने गुजरात में निवेश करने की बात भी की। अब जरा आप खुद ही सोचिए कि जिस ब्रिटेन ने 10 साल तक रिश्तों को तोड़े रखा। उसी ब्रिटेन से मोदी की एक मुलाकात ने दिल जीत लिया। गुजरात में पीएम मोदी ने एक बार नहीं, दो बार नहीं, बल्कि तीन बार अपने नाम का डंका बजाया।

मोदी के शुरुआती सफर से ही ये तय हो गया था कि मोदी का राजनीतिक करियर बहुत लंबे समय तक चलने वाला है,और हुआ भी वैसा ही।आज भी मोदी सत्ता की कुर्सी पर अपना हक जमाए बैठे हुए हैं।

जिंदगी में संघर्षों को पार कैसे करना है ये तो कोई पीएम मोदी से सीखे। एक छोटे से परिवार से निलकर आज उन्होंने इतना नाम कमा लिया है इससे ये बात तो साफ है कि अगर आप बड़े सपने देखते हो और अगर उन्हें पूरा करने का हौंसला हो तो आप कर सकते हैं। जैसे पीएम मोदी ने अपने सपनों को साकार किया है वैसे ही आप भी अपने सपनों को साकार कर सकते हैं।

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