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जयशंकर बोले- भारत-चीन के रिश्तों में बैलेंस बनाने की है जरूरत

Report: National Khabar

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत पिछले तीन वर्षों से चीन के साथ बॉर्डर एरिया पर बेहद जटिल चुनौतियों का सामना करता आ रहा है। मौजूदा स्थिति को बदलने के लिए एकतरफा प्रयास से कुछ नहीं होगा। दोनों देशों के रिश्तों में बैलेंस की आवश्यक्ता है। तभी स्थितियां सही हो पाएंगीं।


जयशंकर ने यह बात सोमवार को यूके के विदेश राज्य मंत्री तारिक अहमद के साथ बैठक के बाद कहीं। बैठक में मुक्त व्यापार समझौता, भारत-प्रशांत और G20 सहित कई मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।
इसी साल फरवरी महीने में ANI न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में जयशंकर ने चीन के मुद्दे पर राहुल गांधी और कांग्रेस के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा था- हम पर आरोप लगता है कि हम चीन से सहमें रहते हैं, उसका नाम भी लेने से घबराते हैं। मैं बता देता हूं कि हम चीन से हरगिज नहीं डरते। अगर हम डरते तो भारतीय सेना को चीन बॉर्डर पर नहीं भेजते? ये सेना राहुल गांधी ने नहीं भेजी बल्कि नरेंद्र मोदी ने भेजी है।


कांग्रेस और विपक्षी पार्टियां हमेशा आरोप लगाती रहती हैं कि लद्दाख में पैंगोंग झील के पास चीन ब्रिज बना रहा है। मैं आपको बता दूं कि 1962 से इस इलाके पर चीन ने अवैध कब्जा किया हुआ है। भारत के इतिहास में ये इस वक्त का सबसे बड़ा पीस टाइम डिप्लॉयमेंट चीन के बॉर्डर पर तैनात है। और कृप्या आप इस बात को नोट करें… मैंने चीन कहा… CHINA…।

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