बालासोर हादसा क्या सरकार की गलती !
रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा
ओडिसा के बालासोर में हुए ट्रेन हादसे के कारण 275 लोगों की मौत हो गयी और सैकड़ों लोगों का परिवार बेघर हो गया | सवाल ये है की आखिर गलती किस की है | सरकार तो ये कहकर अपना पल्ला झाड़ चुकी है की तकनीकी दिक्कतों के चलते ये हादसा हुआ लेकिन क्या सच में सिर्फ यही कारण था | ये हादसा हो सकता है की टल जाता अगर सरकार की प्राथमिकताऐं कुछ और होती तो चलिए जानते हैं की वो कौन सी गलतियां थी जिसके चलते ये हादसा हुआ |
1 -रोजाना भारतीय रेलवे 22 करोड़ यात्रियों को ढोती है जिसमें ज्यादातर लोग गरीब या मध्यम वर्ग के होते हैं और इसके लिए लोगों को यात्रा पर सबसिडी दी जाती है लेकिन रेलवे का ज्यादातर झुकाव अमीरों की तरफ नज़र आता है | अब तो सरकार अमीरों की तरफ बेबाकी से आय बढाती नज़र आ रही है क्यों वंदेभारत जो की स्पीड बेस्ड और सभी सुविधाओं से भरपूर है क्या गरीब और आम जनता इस ट्रेन की यात्रा कर पाने में सक्षम होगी |
2- बालासोर हादसे का प्रमुख कारण सिग्नल की गड़बड़ी बताया गया वित् वर्ष 2020- 21 में कुल पूंजीगत व्यय में से पटरियों के नवीनीकरण में 8 6 % और दूरसंचार में 14 % खर्च किया गया| ये दर्शाता है की सुरसक्षा के प्रति सरकार लापरवाही बरत रही है| वहीं वित् वर्ष 2023 -24 में कुल खर्च 7 2% और 1.7 % रहने का अनुमान लगाया जा रहा है
|
3- भारतीय रेलवे के पास नवीनीकरण और बदलाव के लिए आरक्षित निधि है और इस आरक्षित निधि में 31 मार्च 2021 को 385 करोड़ रूपए उपलब्ध थे | कैग ( महालेखक) के मुताबिक ये राशि वास्तविक राशि की तुलना में नगण्य है | अर्थात इतने पैसों से तो कुछ भी हो पाना संभव नहीं है |
4- 2001 अप्रैल में रेलवे सुरक्षा के लिए एक कोष का निर्माण किया गया जिसमें रेलवे सुरक्षा से जुड़े हुए सभी तरह के खर्च को शामिल करने की बात कही गयी और यहाँ जो भी पैसा आएगा वो डीजल पर जो टैक्स लगा है वहां से लिया जाएगा और ताजूब की बात है की वर्ष 2021 में इस कोष में 512 करोड़ रूपए शेष थे 2017 -18 में राष्ट्रीय रेल सुरक्षा कोष बनाया गया जिसमें हर साल 20000 करोड़ रूपए डालने की बात की गयी लेकिन 5 सालों में अभी तक सिर्फ 20000 करोड़ रूपए ही जमा हो पाए हैं |
ऐसी कई गलतियां जो सरकार की तरफ से हुई है जिसे सुधरने पर ध्यान देना चाहिए लेकिन देश में अलग ही राजनीती चल रही है |