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“यूनिफार्म सिविल कोड हिन्दू-मुस्लिम को तोड़ने का तरीका है ” ? सपा सांसद का बड़ा बयान, केंद्र पर साधा निशाना

रिपोर्ट :- प्रज्ञा झा

देश भर में अभी “यूनिफार्म सिविल कोड” का मुद्दा गरमाया हुआ है और ये एक बड़ा मुद्दा भाजपा के लिए 2024 चुनाव से सम्बंधित हो सकता है | अगर यूनिफार्म सिविल कोड लागू हो गया तो हर मज़हब, हर धर्म के लिए कानून एक हो जाएंगे और इसका विरोध लगातार विपक्षी पार्टियों द्वारा किया जा रहा है | हाल फ़िलहाल में ही सपा सांसद एसटी हसन का बड़ा बयान सामने आया जिसमें उन्होंने कहा अगर पहली पत्नी इज्जाजत दे तो दूसरी शादी करने में हर्ज क्या है | उन्होंने आगे कहा की अगर UCC लागू हुआ तो हम इसका विरोध करेंगे |

आगे वो कहते नज़र आए की हमारे देश में विभिन्न धर्म के लोग रहते हैं जब हम आज़ाद हुए थे, तब सभी को कहा गया था हम अपने धर्म और मजहब के हिसाब से अपना जीवन आगे बढ़ा सकते हैं | ये संविधान में लिखा हुआ है |

शरीयत कानून का हवाला देते हुए उन्होंने आगे कहा की अगर हम शरीयत कानून को खुद पर लागू कर रहें हैं तो उन्हें क्या तकलीफ है | इस्लाम ही एक अकेला ऐसा पहला धर्म है जिसने बेटियों को अपने पिता की संपत्ति में हिस्सा लेने की अनुमति दी है | बात रही दूसरी शादी की तो अगर पहली पत्नी इजाजत देती है तो शादी करने में क्या हर्ज है |
एसटी हसन सरकार पर आरोप लगाते हुए कहते हैं, आपने (सरकार) ने बेहयाई को बढ़ावा दिया है लिव इन रिलेशनशिप को आप ही की सरकार ने कानूनी बनाया है ” आप किस तरह कह सकते हैं की दूसरी शादी मत करो “|

एसटी हसन का कहना है की यूनिफार्म सिविल कोड सिर्फ 2024 का चुनावी मुद्दा है| ये सारे मुद्दे सिर्फ इस लिए उठाये जा रहें हैं जिससे हिन्दू मुसलमानो को आपस में लड़वाया जा सके |

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