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• स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, नई दिल्ली में 78वां स्वतंत्रता दिवस उत्साह पूर्वक मनाया गया।

स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, नई दिल्ली में ब्रह्मस्वरूप महंत स्वामी महाराज की उपस्थिति में ध्वजारोहण समारोह संपन्न हुआ।

• दिल्ली अक्षरधाम मंदिर परिसर इष्ट भक्ति, गुरुभक्ति और राष्ट्रभक्ति से गूंज उठा।

नई दिल्ली, 15 अगस्त, 2024 

Written By : News Desk

स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, नई दिल्ली में भारत का 78वां स्वतंत्रता दिवस देशभक्ति के साथ मनाया गया।

बी ए पी एस स्वामिनारायण संस्था के आध्यात्मिक गुरु और प्रमुख ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज की उपस्थिति में, उत्तर भारत के विभिन्न राज्यों से आए भक्तों ने राष्ट्र के इस आजादी के उत्सव में भाग लिया। इस अवसर पर पूरा स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर परिसर राष्ट्रभक्ति से भर गया और भारत माता की जय के नारों से गूंज उठा।

सुबह 6:30 बजे कार्यक्रम की शुरुआत प्रभुस्मरण और प्रार्थना से हुई।

इसके बाद बीएपीएस के बाल और युवा मंडल ने सांस्कृतिक और राष्ट्रभक्ति के कीर्तन गाकर अक्षरधाम परिसर के वातावरण को ओजस्वी बना दिया। आज की विशेष स्वतंत्रता दिवस परेड में सुरक्षा विभाग के स्वयंसेवकों और परिसर में ड्यूटी पर तैनात पुलिसकर्मियों ने भी भाग लिया। ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज ने मंदिर परिसर में भारतीय राष्ट्रीय ध्वज फहराया और देश की आजादी के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की। इसके बाद राष्ट्रगान के साथ ध्वज को सलामी दी गई।

 92 वर्ष की आयु में भी, महंतस्वामी महाराज ने राष्ट्रगान के बाद तिरंगे को सलामी देकर पूरे राष्ट्र को नागरिक-कर्तव्य का बोध कराया। 

इसके बाद, बी ए पी एस के वरिष्ठ संत विवेकसागरदास स्वामी ने अपने प्रवचन में भारत के स्वतंत्रता संग्राम के दौरान बलिदान देने वाले स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा, “भारत देश गौरवशाली देश था। आज हमारा कर्तव्य है कि हम देश की गौरवशाली विरासत को सुरक्षित रखें। जीवन में सदाचार लाना ही सच्ची स्वतंत्रता है।”

इसके बाद, ब्रह्मस्वरूप महंतस्वामी महाराज ने आशीर्वचन में कहा, “आज के दिन हम प्रार्थना करें कि भारत हर क्षेत्र में अत्यधिक प्रगति करे।

देश की सभी समस्याओं का जल्द समाधान हो। सभी देशवासी सुखी रहें। देश की आजादी के लिए गुरु योगीजी महाराज प्रतिदिन 25 मालाओं का जाप करते थे। देश मेरे लिए क्या करेगा यह न सोचकर, अगर हम यह सोचेंगे कि मैं देश के लिए क्या कर सकता हूं, तो भारत देश जरूर आगे बढ़ेगा।

” आशीर्वचन के बाद, सभी संतों और भक्तों ने भारत की शांति और समृद्धि के लिए सामूहिक प्रार्थना की।

आज इस ऐतिहासिक स्वतंत्रता दिवस का आयोजन जहां हुआ वह स्वामिनारायण अक्षरधाम मंदिर, नई दिल्ली विश्व का एक प्रमुख आध्यात्मिक और सांस्कृतिक स्थल है, जो भारत की समृद्ध विरासत और आध्यात्मिक परंपराओं का केंद्र है। यह न केवल उपासना स्थल है बल्कि भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विविधता का उत्सव भी है, जो दुनिया भर से लाखों पर्यटकों को आकर्षित करता है।

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