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जीएसटी काउंसिल की बैठक, कैंसर की दवाओं पर 5% जीएसटी घटाया गया है।

जीएसटी परिषद की बैठक की मुख्य बातें।
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) परिषद की बैठक।
जिसमें विभिन्न आर्थिक क्षेत्रों को प्रभावित करने वाले कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा।

Written By: Prakhar Srivastava, National Khabar

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) काउंसिल की 54वीं बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं। काउंसिल की बैठक के बाद, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कई महत्वपूर्ण घोषणाएं की हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि नमकीन पर जीएसटी रेट कम हो सकता है। (कैंसर) दवाओं पर जीएसटी भी कम किया गया है। वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल ने कैंसर की दवा पर 12 प्रतिशत से पांच प्रतिशत की जीएसटी दर घटाई है और नमकीन पर 18 प्रतिशत से 12 प्रतिशत की जीएसटी दर घटाई है। साथ ही, जीएसटी काउंसिल ने विदेशी एयरलाइंस को काफी राहत दी है।


साथ ही साथ, जीएसटी काउंसिल ने हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस प्रीमियम पर जीएसटी की दर को मौजूदा 18 प्रतिशत से कम करने पर व्यापक रूप से सहमत हो गया है, लेकिन नवंबर में होने वाली अगली बैठक इस पर अंतिम निर्णय लेगी। जीएसटी आने से पहले बीमा प्रीमियम पर सेवा “कर” लगाया जाता था। 2017 में जीएसटी लागू होने पर सेवा “कर” भी जीएसटी प्रणाली में शामिल हो गया। संसद में इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स लगाने का मुद्दा उठाया गया था। विरोधी पक्ष ने जीएसटी से स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियमों को बाहर करने की मांग की थी। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी निर्मला सीतारमण को पत्र लिखा था।

  • काउंसिल ने बिजनेस टू कस्टमर जीएसटी खरीदने का निर्णय लिया है।
  • जीएसटी से शोध एवं अनुसंधान के लिए दी जाने वाली राशि को मुक्त करने का फैसला किया गया है।
  • धार्मिक यात्राओं पर हेलिकॉप्टर सेवाओं पर लगने वाले टैक्स को पांच प्रतिशत तक कम किया गया। उत्तराखंड के वित्त मंत्री प्रेम चंद अग्रवाल ने कहा कि हेलिकॉप्टर सेवाओं पर कर 18 प्रतिशत से घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया गया है, जो श्रद्धालुओं को बद्रीनाथ और केदारनाथ जैसी धार्मिक यात्राओं पर ले जाता है।
  • काउंसिल ने बिलडेस्क और सीसीएवेन्यू जैसे भुगतान एग्रीगेटरों (पीए) पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगाने के मुद्दे को कर कमिटी को भेजा है. इसमें डेबिट और क्रेडिट कार्ड के जरिये 2,000 रुपये तक के छोटे डिजिटल लेनदेन शामिल हैं।

राज्य बीमा प्रीमियम दरों में कमी चाहते हैं। यदि जीएसटी दरें कम की जाती हैं, तो लाखों पॉलिसीधारकों को फायदा होगा क्योंकि उनके प्रीमियम कम होंगे। जीएसटी आने से पहले बीमा प्रीमियम लगता था। याद रखें कि सेवा कर को 2017 में जीएसटी लागू होने पर प्रणाली में शामिल किया गया था। संसद में बीमा प्रीमियम पर टैक्स लगाने का मुद्दा भी उठाया गया था। विपक्ष ने जीएसटी से स्वास्थ्य और जीवन बीमा प्रीमियमों को बाहर करने की मांग की। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी इसे उठाया था। इस टैक्स से राहत देने की अपील करते हुए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने वित्त मंत्री को पत्र लिखा था।

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