भारत ने ग्रहण की संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की सदस्यता, आतंकवाद और बहुपक्षवाद पर रहेगा जोर
नेशनल खबर,डेस्क रिपोर्ट
भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी यूएनएससी की मासिक अध्यक्षता एक दिसंबर से ग्रहण कर ली है, जिसमें उसकी मुख्य प्राथमिकता जो रहेगी उसमें पहली आतंकवाद से मुकाबला करना और दूसरी बहुपक्षवाद को बढ़ावा देना होगी।
यूएनएससी की अध्यक्षता के पहले दिन भारत की स्थायी प्रतिनिधि बनीं रुचिरा कंबोज ने मासिक कार्यक्रम पर संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित किया।
जब यूएनएससी सुधारों और सुरक्षा परिषद में भारत की स्थायी सीट के बारे में पत्रकारों ने पूछा तो कंबोज ने कहा कि भारत एक ऐसे देश के रूप में विश्व के सामने आ रहा है जो सबके लिए समाधान लाने को तैयार है। हमारी विदेश नीति का जो केंद्रीय सिद्धांत है वो मानव-केंद्रित है और वो रहेगा।
इसके अलावा उन्होंने लोकतंत्र पर भी दो टूक जवाब दिया। उन्होंने कहा कि हमें किसी से सीखने की जरूरत नहीं है। भारत को यह बताने की आवश्यकता नहीं है कि उसे लोकतंत्र पर क्या करना है और क्या नहीं।
आपको बता दें कि ये दो वर्षों में दूसरा मौका है जब भारत को यूएनएससी की मासिक अध्यक्षता मिली है। पिछली बार अगस्त 2021 में भी भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की मासिक अध्यक्षता दी गई थी।
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि भारत 15 सदस्यीय सुरक्षा परिषद का अस्थायी सदस्य बना हुआ है और उसका दो साल का कार्यकाल भी इसी साल खत्म हो जाएगा।
यूएनएससी नियमों के मुताबिक, यूएनएससी के 15 सदस्यों को वर्ण के क्रम में बारी-बारी से अध्यक्षता दी जाती है।