नई दिल्ली, 16th सितम्बर 2024
विश्वप्रसिद्ध अक्षरधाम मंदिर में आज प्रात: जलझुलनी एकादशी का उत्सव बड़ी धूमधाम से मनाया गया। इसके साथ ही गणेश चतुर्थी के दिन स्थापित भगवान गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन भी आज भक्तिभाव से किया गया। इस अवसर पर अनेक संतों-महंतों के साथ बड़ी संख्या में भक्त समुदाय उपस्थित रहा।
जलझुलनी उत्सव, जिसे जलझुलनी एकादशी भी कहा जाता है, भारत में विशेष रूप से उत्तर भारत में मनाया जाता है। अक्षरधाम मंदिर में इस उत्सव को हर साल परंपरागत रूप से मनाया जाता है। सद्गुरु विवेकसागर स्वामी जी की पावन उपस्थिति में आज यह उत्सव बड़े ही हर्षोल्लास से मनाया गया।

यहाँ अक्षरधाम के सभागार में एक विशाल कृत्रिम सरोवर की रचना की गई, जिसमें अक्षर-पुरुषोत्तम भगवान की चल मूर्तियों को जलविहार कराया गया। पांच आरती और विविध भोगों को भगवान को अर्पण करके भक्तों ने भक्ति अर्घ्य समर्पित किया।
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कार्यक्रम प्रात: ८ बजे आरम्भ हुआ। भगवान को पालखी में विराजमान कर शोभायात्रा निकाली गई। आज विवेकसागर स्वामी जी ने अपने प्रवचन में उत्सव के मर्म को समझाया। गायकवृन्द ने कीर्तन-भजन की भक्तिमय प्रस्तुति कर समां बाँध दिया।
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